यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 14 जुलाई 2022

अनोखी चीज

मेरे घर के बाहर कल

चबूतरे पर,

औरतों की महफिल में

एक घरेलू औरत ने

लोक भाषा में

हँसते हुए कहा-

औरत ऐसी अनोखी

चीज है, जिस पर !

लोग मरते मरते

मर जाते हैं .

और फिर एक

सामूहिक ठहाका

वातावरण में व्याप्त हो गया;

एक सहज और मोहक

सत्य की तरह, अब तक

मेरे कानों में गूँज रहा है

अनहद नाद की तरह !

 

 

पवन तिवारी

२५/१२/२०२१

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