गुरुवार, 14 जुलाई 2022

अनोखी चीज

मेरे घर के बाहर कल

चबूतरे पर,

औरतों की महफिल में

एक घरेलू औरत ने

लोक भाषा में

हँसते हुए कहा-

औरत ऐसी अनोखी

चीज है, जिस पर !

लोग मरते मरते

मर जाते हैं .

और फिर एक

सामूहिक ठहाका

वातावरण में व्याप्त हो गया;

एक सहज और मोहक

सत्य की तरह, अब तक

मेरे कानों में गूँज रहा है

अनहद नाद की तरह !

 

 

पवन तिवारी

२५/१२/२०२१

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