यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

समय का खेल

समय का खेल ऐसा बुलबुला पानी सा होता है

जो अपनी ज़िन्दगी में प्रेम की बानी सा होता है

कि जिसके बिन ज़िन्दगी की लगे तस्वीर आधी सी

एक छल से फ़कत जीवन में  बेमानी सा होता है

 

समय सुख ले भी सकता है समय दुःख दे भी सकता है

समय  संकट  में  जंगल  में  मसीहा  दे  भी  सकता है

समय  जलते  दीयों  को  एक   झोंके  से  बुझा   देता

समय  मरुथल  वीराने  में  जलाशय  दे  भी सकता है

 

समय में अपनों को  दुश्मन  बनाने की भी क्षमता  है

समय  इकलौता  है  जो  ना किसी के रोके रुकता है

सभी  द्म्भों  घमंडों  को  समय  है  नष्ट  कर  देता

समय  के  सामने  क्या  आदमी   देवत्व  झुकता  है  

 

पवन तिवारी

२९/०१/२०२१

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