यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 26 जून 2021

मारुति नंदन जग वंदन हैं

मारुति नंदन जग वंदन हैं राम पियारे मन चन्दन हैं

पीड़ा के पीड़क हैं हनुमत शिव अवतार जगत वंदन हैं

दीनन के हैं एक सहारे जग भर में सो अभिनन्दन हैं

जौ महावीर कृपा हो जाये जीवन में नंदन नंदन हैं

 

गरुण को मान दिए हनुमत जी तुलसी को राम दिए हनुमंत जी

राम कथा के प्रथम प्रशंसक वीर के वीर हैं संत के संत जी

सारी सिद्धियों के हैं साधक बलवानों में हैं बलवंत जी

अंजनि लाल पे सिय आशीष है भक्ति सागर हैं श्रीमंत जी

 

मित्र के मित्र हैं जग में विशिष्ट हैं भक्ति विवेक के हैं ये आगर

आप की महिमा शारदा गावैं दुखियन के प्रभु आप हैं नागर

हे करूणानिधि लो हमरी सुधि आप तो हैं अमृत के गागर

मन संताप हरो हनुमान जी हे पिंगाक्ष दया दे सागर

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८ 

४/०८/२०२०

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