यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 15 मई 2020

अकेलापन


अकेलेपन के पास बहुत कुछ होता है.
वह हमेशा देता रहता है
पता नहीं कौन क्या स्वीकार है ?
अकेलापन देता है शान्ति !
नये विचार भी देता है.
देता है नव चिंतन
बहुत सी छूट गयी स्मृतियाँ
उदासियों का गुच्छा भी देता है
कई बार देता है अवसाद के झुरमुट
हाँ, उसके पास होता है, कई बार
देने के लिए चिड़चिड़ापन
उसके पास सुकून का एक
बड़ा गुल्लक भी होता है.
क्या मैं आप से पूछ सकता हूँ
आप ने अकेलेपन से क्या लिया है ?


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८  

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