यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

रामसखा शिवशक्ति स्वरूपा



रामसखा   शिवशक्ति   स्वरूपा
गुण   गावहिं   तुम्हरे  सुरभूपा
जग   उद्धारक   शोक  निवारक
राम में  तुम्हरी  भक्ति  अनूपा

अनगिन काण्ड किये जनहित में
बस गये तुलसी दास के चित में
सुंदर  काण्ड  लिखे तुलसी  तब
भक्ति से गाये जन-जन छित में


सहज कृपालु  हैं  मारुति नन्दन
जा  पर  कृपा  करें  सो चन्दन
भक्ति  शक्ति  आरोग्य  प्रदाता
महावीर  का  जग  करे  वन्दन

अस्त्र  शस्त्र व  शास्त्र के ज्ञाता
राम  भजन  प्रभु  तुमको भाता
दीन दुखी  के तुम  हो  नायक
सब वर तुम्हरे  द्वार  से पाता

दो  विवेक  अज्ञान  को हर लो
अपनी भक्ति में  हमको वर लो
है सहस्त्र  वन्दन  प्रभु  तुमको
तुम्हरी शरण प्रभु बाँह ये धर लो

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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