यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

राम के नाम ...सवैया


राम के नाम ले तर ही गयी चाहे नीयत किसकी कैसी हो खोटी
हरदम राम  अगाध  रहे  हर  गागर  राम के  नाम  से छोटी
राम के नाम से  तुलसी तरयो जग में फहराय रही ताकी चोटी
राम  चरित  मानस में  ब्यापौ  गाय रहे  हैं जी कोटिन कोटी

राम के काज में लीन हुए, कहि राम  हुए हनुमान  जी जोगी
राम के नाम अहिल्या तरी शबरी प्रभु धाम की हो गयी भोगी
रामहि नाम प्रताप बड़ा  बस नाम  जपें  होई  जाएँ  निरोगी
कलयुग में बस राम अधार हैं नइया पार  जी  राम से होगी  

जिस दुनिया  के राम आधार हैं, उनको कहें कुछ स्वार्थी खोटा
राम  को धूर्त  नकार रहे,   जिनका  जग में परताप है मोटा
राम ही धर्म हैं राम ही कर्म हैं जग उनके सम छोटा सा लोटा
राम को देने चुनौती चले हैं, जो उनका चरित्तर छोटों में छोटा



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८

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