यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 22 अक्तूबर 2019

अच्छी नज़र से सीखे


अच्छी नज़र से सीखे तो मुकाम कमाओगे
बुरी  नज़र  से तो  बस  जुल्म कमाओगे

भाव की  रेखाएँ गर  पहचान गये तुम
तो जिन्दगी में ढेर सा करार कमाओगे

दूसरों की सुन के भी  खुद पर यकीन गर
अपने ही रास्ते से फिर इतिहास कमाओगे

वादा न  टूटा  वक़्त के पाबन्द रहे ग़र
मतलब के जमाने में विश्वास कमाओगे

क़िरदार लुटा कर क्या कोई ख़ाक बना है
अच्छा खयाल पैसे से किरदार  कमाओगे

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत  




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