यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 19 मई 2019

मांगो जो पानी तो वो शराब देती है


मांगो जो पानी तो वो शराब देती है
आखों से ही वो प्यार बेहिसाब देती है

अजी हाथों से मारने वाले और होते हैं
अरे वो, वो तो आखों से भी मार देती है

ख़बर है क्या उसे ही बताने चले हो
जो जग भर को खुद ही समाचार देती है

उसकी किस- किस अदा की प्रशंसा करें
वो तो फ़कत आखों से भी तार देती है

इन्कार की अदा है यूँ देखना उनका
तुम क्या समझते हो इकरार देती है


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक- poetpawan50@gmail.com

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