यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 5 जनवरी 2019

महत्वपूर्ण


बहुत बार मारे जाने का कारण
महत्वपूर्ण होना होता है
जो महत्वपूर्ण होता है
वह मरता नहीं है
मार दिया जाता है
सदियों से महत्वपूर्ण होना ही
बना है मौत का कारण
कुछ नकार सकते हैं
मेरी बात का उपहास
उड़ा सकते हैं
वह कह सकते हैं
दे सकते हैं तर्क
मारे तो सहज
या आम जाते हैं
कोई उन्हें समझा सकता है कि
सहज होना ही तो
सबसे महत्वपूर्ण है
आम होना सबसे महत्वपूर्ण है
कभी ध्यान लगाना एकांत में
चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण
कौन होता है, आम आदमी
बड़े व्यवसाय का
महत्वपूर्ण ग्राहक आम आदमी
पृथ्वी पर सबसे अधिक
पृथ्वी से भी अधिक
और सरल है पानी
पता है कि नहीं
मारा जा रहा है
नदी, नाले, समुद्र, ताल, झरने
सब जगह उपलब्ध आसानी से
बेहद आम है पानी
मारा जा रहा है
उसे छोटे-छोटे बोतलों में
कनस्तरों में, पाइपों में
नलों में, तमाम तरह के
पेय पदार्थों में
बंद करके मारा जा रहा है
विश्व का सबसे बड़ा युद्ध
पानी के हत्या की
आशंका के चलते
होने की संभावना
बता रहे हैं बुद्धिजीवी
पत्रकार, विज्ञानी और भी
प्रसार के अनेक माध्यम
संचार क्रांति में मरते, दम तोड़ते हुए
महत्वपूर्ण अर्थात बेहद आम
समाचार पत्र भी चीख रहे हैं कि
होगा विश्व युद्ध
इसलिए कि आम, सरल,सुलभ
पानी की हत्या का ठेका कौन लेगा

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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