यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 30 अगस्त 2018

गीत पीड़ा का स्वर


गीत पीड़ा का स्वर गीत अनुराग का
गीत पूजा का स्वर , गीत श्रृंगार का
गीत तो हर व्यथा की महौषधि भी है
गीत माध्यम है , अनचाहे संवाद का

गीत सम्वेदना , लोक  के रीति  की
गीत साहित्य,जीवन के हर प्रीति की
गीत  ही   आदमी  को रखे आदमी
प्रेम ही  मूल  है  गीत के नीति की

गीत बिन ज़िन्दगी , ज़िन्दगी ना रहें
गीत बिन  गेयता, छन्द  भी ना रहे
गीत ने  ही ,  सँवारा  है संगीत को
गीत बिन हम तो क्या देवता ना रहे  

पवन तिवारी
सम्पर्क – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com   

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