यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2017

जाने किस बात से आती उसे हँसी होगी





















जाने किस बात से आती उसे हँसी होगी
ज़ख्म गहरा होगा जिसमें वो धँसी होगी

जिसमें न कोई खुशियाँ रंगत न कोई हो
ऐसी भी जिन्दगी क्या कोई जिन्दगी होगी

दर्द दिल का उछलकर चेहरे पर चढ़ ही जाता है
फिर न क्यों शक्ल कोई कितनी ही रँगी होगी

कितनी मज़बूर होकर वो उधर गयी होगी
बहुत तड़पी होगी जब जाल में फँसी होगी

बदजुबानी वो कभी सहती नहीं किसकी
किसी एहसान की वो डोर से बंधी होगी

जरूरी नहीं जो खिला है पुष्प ही होगा
क्या पता वो खियाबाँ हो जो ढँकी होगी


पवन तिवारी

सम्पर्क – 7718080978


poetpawan50@gmail.com

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