यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 18 फ़रवरी 2017

तुम्हे प्यार करता हूँ ,करता रहूँगा.




















तुम्हे प्यार करता हूँ ,करता रहूँगा.
जब तक जियूँगा तुम पे मरता रहूँगा 

जिधर देखा तुम ही दिखाई दिए हो 
 यही प्रेम है इसमें डूबा रहूँगा

तुम्ही एक जग में हो सिर्फ मेरी 
मरके भी मैं तुम्हारा ही रहूँगा 

कहीं और भटकूँगा जग में नहीं मैं 
 तेरे साथ, तेरे रूह में मैं रहूँगा 

poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क- 7718080978

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