चवन्नी का मेला

चवन्नी का मेला

यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 24 जनवरी 2022

प्रेम पहले बहुत वे जताते रहे

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प्रेम   पहले   बहुत   वे   जताते     रहे हम थे   अनभिज्ञ   वे ही बताते रहे प्रेम का द्वार हमने भी खोला तो वे ये किया क्या वे कहकर सतात...

पागल हँसते हैं

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पागल हँसते हैं चतुर भी फंसते हैं सूरज ढलते रोज देखते पर्वत भी धँसते हैं   झूठ के पर होते हैं सच के घर होते हैं धर्म पथ लम्बा प...

जो भी मित्रों को छलता है

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जो भी मित्रों को छलता है संत्रासों से   वो   जलता   है पग-पग खाता वह ठोकर है जीवन रातों सा वह पलता है   पुण्य क्षरित हो जाते हैं ...

माटी के दीये

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माटी के दीये   माटी में   जलते हैं. कुछ पुष्प हैं जो जल में खिलते हैं होते रंग जगत   के   भी अनगिन अब कागज के   पुष्प भी मिलते हैं  ...
शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

जलते हैं कुछ, कुछ जलता है

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जलते हैं कुछ, कुछ जलता है अच्छे से दीपक जलता है दीपावली यही कहती है अच्छा तब जब तम जलता है   जलने   वाले   रहेंगे   जलते बढ़ने   ...
बुधवार, 19 जनवरी 2022

जय माँ विंध्यवासिनी

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  किशन कन्हैया की तुम बहना जग   कल्याणी   सबका कहना भय     संकट   को   दूर   भगाती   साथ   सदा   माता   तुम रहना     विंध्या...

जाड़ा का राज

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लगता जैसे वक्त   है     ठहरा धूप को ढकने लगा है कुहरा   सामने   है   आदमी न सुनता ऐसे जैसे   लगता   बहरा   शीत का मौसम लगा है आने ...

आओ, शिव की शरण में आओ

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शिव को गाओ, शिव को पाओ शिव के चरण दबाओ आओ, शिव की शरण में आओ   सब कुछ खोकर, सब कुछ पाना शिव से सीखने आओ फक्कड़ होकर, जग को जाना ...
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जन्म-1982 अम्बेडकरनगर ,उत्तर प्रदेश. गत 18 वर्षों से मुंबई में निवास.12 वर्ष की उम्र से लेखन ,पहला

पवन तिवारी
12 वर्ष की उम्र से कविता , कहानी आदि का लेखन, विद्यालयीन प्रतियोगिताओं में भाषण गायन, अन्ताक्षरी, एकांकी आदि में प्रथम . लेखक ,पत्रकार, वक्ता, शोध कर्ता, कई पत्र ,पत्रिकाओं का सम्पादन, फिल्म लेखन, कई पुस्तकों का सम्पादन, आकाशवाणी पर महापंडित राहुल सांकृत्यायन पर विशेष वक्तव्य, देश के सबसे बड़े भजन संकलन भजन गंगा का अतिथि सम्पादन, इंडियन प्रेस कौन्सिल की पहली स्मारिका का सम्पादन आदि
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