सोमवार, 24 जनवरी 2022

माटी के दीये

माटी के दीये  माटी में  जलते हैं.

कुछ पुष्प हैं जो जल में खिलते हैं

होते रंग जगत  के  भी अनगिन

अब कागज के  पुष्प भी मिलते हैं

 

कुछ अच्छे लोग भी बुरे होते हैं

अच्छे गायक भी बेसुरे होते हैं

मृत्यु से बढ़कर भी अचम्भा कुछ नहीं

जान बचाने वाले भी बुरे होते हैं

 

भूख  से लोग अक्सर मरते हैं

लोग  खाने  से  भी  मरते  हैं

मरने के लिए बस बहाना चाहिए

लोग फिसलने से भी मरते हैं

 

मन का  पाकर  के खुश होते  हैं

कुछ अकारण  भी खुश  होते हैं

खुश होने  का कोई नियम नहीं 

बच्चे उछल  के भी  खुश  होते हैं

 

पवन तिवारी

संवाद- ७७१८०८०९७८

१४/११/२०२०

 

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