रविवार, 6 अक्तूबर 2024

कितने दिन पर गीत लिखा हूँ



कितने दिन पर गीत लिखा हूँ 

जाने किसको मीत लिखा हूँ 

कुछ मीठा सा लिखना था पर 

जाने क्यों मैं तीत लिखा हूँ 


गर्मीं में भी शीत लिखा हूँ 

कैसी उल्टी रीत लिखा हूँ 

जीवन भर अक्सर हारा हूँ 

पर गीतों में जीत लिखा हूँ 


झुके हुओं को भीत लिखा हूँ 

अनजानों को हीत लिखा हूँ 

कवि अलबेले फक्कड़ होते

 कड़वों को भी प्रीत लिखा हूँ 


पवन तिवारी ०६/०९/२०२४