केले
  का   पात   झूमे 
फागुन
 सी  रात  झूमे 
तुम्हरे
 मिल  जाने  से
अधरों
संग  बात झूमे 
फूलों
 के   गाल  चूमे 
दिल
की बारात झूमें 
दिल
की हर धड़कन हँसती
भौंरों
सा इत उत झूमे 
कानों
 में   कोयल  कूके 
दिल
ने धड़कन को छूके 
कुछ
 ऐसे  हरसाया  है 
जैसे
 कोई   जादू  फूँके
तुम्हरे
 सपने   में  डूबे 
सारी
 दुनिया  से ऊबे 
ऐसा
 लगता   है  मेरे 
खुशियों
 के  सारे सूबे 
पवन
तिवारी 
२५/०९/२०२१
 
 
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