यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

ऊपर एक रिश्ता सबसे है

ऊपर एक रिश्ता सबसे है

होश संभाला ये तब से है

इसी से सब कुछ साझा करता

मित्र का क़द ऊँचा नभ से है

 

हमको भी कुछ मित्र मिले हैं

जिनसे उर उपवन के खिले हैं

जो अपनों से बढ़कर अपने

माना कि कभी हुए गिले हैं

 

जब कभी संकट में फँसता हूँ

खुद को  तनाव  में डंसता हूँ

जादू  करने  दोस्त  आते हैं

करते  हैं  और  मैं हंसता हूँ

 

ये रिश्ता है निज का कमाया

अपने व्यवहारों से बनाया

सोचो जग में मित्र न होते

क्या-क्या होता हमनें गँवाया

 

प्रभु  सुंदर  रिश्ते ले आये

एक  अनोखा  मित्र बनाए

धन्यवाद ईश्वर को भी है जो

इक रिश्ता ऐसा भी लाये

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

०८/०८/२०२०   

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