बुधवार, 15 अगस्त 2018

नए उमर के नये कवि अब प्यार मोहब्बत लिखेंगे

















नए उमर के नये कवि अब, प्यार मोहब्बत लिखेंगे
गाँव जवार तो पिछड़ा लगता सिटी शहर ही लिखेंगे
देशभक्ति और राष्ट्रवाद उनके लिए केवल हैं जुमले
ऐसों से उम्मीद करें क्या भगत , सुभाष ये लिखेंगे

जिनके कविता का आँगन बस जिस्म तलक ही फैला है
जूलियट पश्चिम देख रहे वे, दिखें न पूरब लैला है
सरोकार  से डरे हुए जो , रोजगार पर मरे हुए जो
कविताई में धर्म - भेद है, कवि भी हुआ कसैला है

लेखन को खुद लेखक ने ही दायाँ-बायाँ कर डाला
काले - काले अक्षर को भी हरा केसरिया कर डाला
लोक गौण है लोकतंत्र में सत्य साफ़ मैं कहता हूँ
लेखक का भी औने-पौने मिलकर सौदा कर डाला

पत्रकारिता की लाश पर , नया वृक्ष है उगा मीडिया
कहलाता स्तम्भ था चौथा उसको इसने किया डांडिया
अंगरेजी  चश्में  लोग जो,  लगे देखने  भारत  को  
ऐसे में भारत की लाश पे खडा हो गया नया इंडिया

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
poetpawan50@gmail.com

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