बुधवार, 8 मार्च 2017

इतनी मगरूर न बन,नजर उठा देख तो सही














जिन्दगी मुझसे मिलने के लिए आ तो सही
दोस्त बन के न सही मेहमाँ ही बन के आ तो सही

गरीब हूँ तो क्या हुआ हूँ तो आदमी ही सही
मेरी चौखट पे कभी अपने पाँव रख तो सही

मुझसे मिल मुझमे अभी बाकी बहुत सा जीवन
मुझको आजमा एक मौका मगर दे तो सही

मुझसे मिलकर तो देख, तूँ भी खुस होगी बहुत
आगे बढ़ हिम्मत कर,एक बार मिल तो सही

तेरा हमराज न सही तेरा खादिम ही सही

इतनी मगरूर न बन,नजर उठा देख तो सही 
poetpawan50@gmail.com 
सम्पर्क - 7718080978

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