मंगलवार, 30 अप्रैल 2024

दुःख इतना कि कहा नहीं जाता





दुःख इतना कि कहा नहीं जाता

इतना  दर्द  सहा  नहीं  जाता

ऐसे   में   अवलम्ब   कोई

जय  हनुमान  यही  मुख आता

 

तुलसी  के  पथ  आप प्रदर्शक

नीम  करोली  के  सब  दर्शक

देव   देवियाँ   जाने   कितने

आप  ही  भटकों  के दिग्दर्शक

 

एक  आप  कलयुग के स्वामी

दीन  दयाल   हो   अन्तर्यामी

सिद्धि सफलता के  प्रभु दाता

भय  खाते  कपटी, खल, कामी

 

मारुती   नंदन   हे   बजरंगी

निर्बल  निर्धन  के  प्रभु  संगी

कृपा आप की सब दुःख हर ले

नमो  नमो   हनुमत  बजरंगी

 

पवन तिवारी

३०/०४/२०२४    

 

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