गुरुवार, 7 जुलाई 2022

तुम्हें चाहना है करम

तुम्हें   चाहना  है   करम

अपना    बनाया    धरम

कहने की कोशिश भी की

आड़े       आयी     शरम

 

मन   अब    आवारा   है

थोड़ा      बेचारा       है

लगता   मेरे    प्रेम   का 

गर्दिश      सितारा     है

 

सब     कुछ   गँवारा  है

ये   दिल     तुम्हारा  है

दिन   आयेगा    अपना

दिल  का     इशारा  है

 

प्यार   ही    सहारा  है

उलझा     किनारा   है

सुलझाएंगे     खुद   ही

मामला    हमारा    है

 

पवन तिवारी

०८/०२/२०२२     

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