शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

प्रेम की उपेक्षा



प्रेम की

उपेक्षा से बड़ा

दुःख, और

प्रेम के स्वीकार से

बड़ा सुख,

केवल कल्पना में ही

संभव है.

 

पवन तिवारी  

१२/०४/२०२२

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