गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

उसको रोते हुए देखा तो

उसको रोते हुए देखा तो रुलाई आयी

देख रोते हुए  मुझको उसे हँसी आयी

 

मुझको खुश देख करके वो बहुत ही रोई थी

पड़ी नज़रें मेरे ज़ख्मों पे तो फिर कमी आयी

 

सुन के बरबादी  मेरी  जश्न  मनाया उसने

शुक्र है मौत पर  मेरे  वो सुन  चली आयी

 

एक दिन दूर कहीं जल्दी मुझे जाना था

पैर ठहरे भूल वश जो तेरी गली आयी

 

पवन तिवारी

२५/०१/२०२१

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