मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

फूल के होंठ


फूल के होंठ याद करते हैं
बाग़ में सारे बात करते हैं

रातरानी भी चाहती तुझको  
रात  में  इंतज़ार  करते हैं

सब करें  इंतज़ार सूरज का
तेरी ख़ातिर वो रात करते हैं

इश्क में तू ही एक बन्दा है
जिसका सारा मलाल करते हैं

तेरी तहजीबो-अदा क़ातिल है
सारे तुझसे ही प्यार करते हैं

तेरी ख़ुशबू बदन के क्या कहने
तू जो गुज़रे  तो आह करते हैं

पवन जल-जल के मरे  जाते हैं
वो भी तुझसे  सलाह  करते हैं 


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८  



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