गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

कि तुममें ही सारा जहाँ देखता हूँ


तुम्हें  देखता हूँ तो क्या देखता हूँ
कि तुममें ही सारा जहाँ देखता हूँ

लगी प्रेम की कुछ लगन इस तरह से
तुम्हारे सिवा  फिर  कहाँ  देखता हूँ

मुझे कोई भी अब तो भाता नहीं है
जहाँ  होती तुम बस वहाँ देखता हूँ

पहले पहल तुमको देखा जहाँ था
अब  भी वहाँ खामखाँ देखता हूँ

तुम्हारी मोहब्बत में आलम है ऐसा
जहाँ - तहाँ दिल में यहाँ देखता हूँ



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८

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