मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

अपने दिल की चाबियाँ दे दो



तुम्हारे दिल में आना चाहता हूँ 
अपने दिल की चाबियाँ दे दो

प्यार तुमसे हो गया तो क्या करूँ
कुछ नहीं तो अपनी हांमियां दे दो

न दोगी तो भी गिला – शिकवा नहीं
चलो कोई नहीं बस अपनी खांमियाँ दे दो

रूठने में  सुकूँ गर है तुम्हें तो रूठ जाओ
मगर तुम रूठने वाली निशानियाँ दे दो

रहो तुम खुस बस इतना चाहता हूँ
बुरी जितनी हैं सब कहानियाँ दे दो

जो तुमको भाये उसकी हो जाओ
जितनी भी हैं तुम्हारी परेशानियाँ दे दो

poetpawan50@com
सम्पर्क - 7718080978


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