यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी
चवन्नी का मेला: चवन्नी का मेला: जाड़े की शुरूआत हो चुकी थी. धान की फसल तैयार थी , धान की कुछ बालियाँ आधी हरी, आधी सुनहली थी. कुछ बालियाँ पककर सोने जैसी होकर मेड पर पगडं...
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