बुधवार, 13 जुलाई 2022

तुम मुझे प्रेम करने वाले थे

तुम  मुझे  प्रेम  करने  वाले थे

दर्द  में  साथ   रहने  वाले  थे

वक़्त  से  तेज  कैसे बदले तुम

साथ  में  जीने  मरने  वाले थे

 

जब भी मिलते  प्रशंसा करते थे

तुम   मेरे   रुठने   से  डरते  थे

मैं तुम्हारे लिए ही सब कुछ था

तुम  मेरी  हर  अदा पे मरते थे

 

सारे   वादे   बिखर   गए  कैसे

इतनी जल्दी   बदल  गये  कैसे

सदा का सच क्यों आज झूठ हुआ

प्रेम  में  धोखा  कर  गये  कैसे

 

अब तो बस टूटता  ही जाता हूँ

ख़ुद से ही  रूठता  ही जाता हूँ

प्रयास  जारी  सम्भलने  का है

ख़ुद से ख़ुद छूटता ही जाता हूँ

 

मुझको ज़िद है कि फिर से जीने की

युक्ति  सीखूँगा   दर्द  सीने  की

बहुत पछताओगे उभरुंगा फिर

अपनी संस्कृति है गरल पीने की

 

पवन तिवारी

१८/१२/२०२१

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