मंगलवार, 26 जुलाई 2022

बहुत अकेला हूँ



बहुत अकेला  हूँ 

पर एकांत नहीं है

मौन हूँ लेकिन

मन शांत नहीं है

नैतिक बहुत से लोग

तो बातों से मिले हैं

मिलने लगा तो जाना

सिद्धांत नहीं है

ऐसे में जो भटकेगा

भला तुम ही बताओ

कैसे कहेंगे जीवन में

क्लांत नहीं है

 

पवन तिवारी

२१/०४/२०२२

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें