रविवार, 16 जनवरी 2022

दर्द का भी नसीब होता है

दर्द  का  भी  नसीब होता है

सच के सबसे करीब होता है

 

ठोकरें  और  ज़लालत  मिलती

सच का नश्शा अजीब होता है

 

खुशियों से होती दुश्मनी उसकी

दिल  से जो  भी गरीब होता है

 

फ़क़त व्यवहार बताता सच है

कौन कितना  अदीब होता है

 

ग़ैर के ग़म में जो रहें ग़मगीन

वो ही आला  नजीब होता है

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

२७/०२/२०२१

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