सोमवार, 31 जनवरी 2022

सुनो तुम यूँ ही अगर

सुनो तुम यूँ ही अगर दिल से दिल लगाओगे

बताऊँ  सच  तो सुनो  धोखे  बहुत  खाओगे

 

मूँद कर आँख जो विश्वास करोगे उन पर

खुलेगा  राज  तो पक्का है कि मर जाओगे

 

अगर ज़िंदा भी रहे  तो  भी  मरे से होगे

बहुत होगा तो फ़क़त पागलों सा गाओगे

 

ये कोई गीत ग़ज़ल  कविता नहीं है साथी

सुनो अमल में कर लो अन्यथा पछताओगे

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

०६/१२/२०२०

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