शनिवार, 24 अगस्त 2019

तेरे दिल में


तेरे दिल में मैं आना चाहता हूँ

कि आकर घर बनाना चाहता हूँ


बहक जायेगी सुन के बात मेरी
तेरे  नखरे  उठाना  चाहता हूँ

तेरा गर साथ मिल जाए अदा से
इश्क खुद को सिखाना चाहता हूँ

तेरे जैसी नहीं बस तू  मिले गर
मोहब्बत से  निभाना  चाहता हूँ

मेरी राहों में हैं कमसिन बहुत पर
तेरा   होना  दिवाना   चाहता हूँ

हवस होती तो तुझपे क्या था मरना
कि मन का  प्यार  पाना चाहता हूँ

कि मैं भी प्यार के काबिल पवन हूँ
फ़क़त ख़ुद को  दिखाना  चाहता हूँ



पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक -  पवनतिवारी@डाटामेल.भारत

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें