मंगलवार, 30 जुलाई 2019

पूछो तो कहते हैं


पूछो  तो  कहते  हैं  कोई  बात नहीं है
नाम जो लो कहते उसकी औकात नहीं है

मेरे  गीतों  में  सब  तुम्हरे  उत्तर  हैं
अलग  से कोई मेरे पास जवाब  नहीं है

जो  भी  सफाई दे सकता दी कविता में 
और  कहीं जाकर बोलूँ मेरी जात नहीं है

तुम्हें  लगा  अब  मुझे पता था पहले से
इसके  सिवा कहीं पर और शबाब नहीं है

जब  भी  आयें  गीत  उन्हें हम गा लेते
दिल  गीतों  का प्रेमी कोई नवाब नहीं है

कल  ही मिला था आज भुला देगा हमको
एक हक़ीकत  है हम कोई ख़्वाब नहीं  है

हँस  लेने  दो  उसकी  ऐसी  बातों   पर
पी जायेगा हमहो हम कोई  आब  नहीं है

किसी  के  भी कंधे पर रखकर सर रोऊँ
इतना  हल्का भी अपना जज्बात नहीं है



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत

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