बुधवार, 14 नवंबर 2018

कुछ दर्द लिए जीते हैं


कुछ दर्द लिए जीते हैं

कुछ मर्ज लिए जीते हैं

आए हैं जग में तो

यह सोच लिए जीते हैं



कुछ ख्वाब लिए जीते हैं

कुछ आस लिए जीते हैं

कुछ लक्ष्य लिए उर में

अवसर के लिए जीते हैं



कुछ याद लिए जीते हैं

कुछ बात लिए जीते हैं

सबकी अपनी वजहें

कुछ खुद के लिए जीते हैं



कुछ नाम लिए जीते हैं

कुछ प्रेम लिए जीते हैं

उनके जीने को नमन करूं

जो देश लिए जीते हैं



पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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