सोमवार, 9 अक्टूबर 2017

कहते हैं खुश रहो मगर रहने नहीं देते

























दिल के वे मामलात को करने नहीं देते 
कहते हैं खुश रहो मगर रहने नहीं  देते

गम ये नहीं है कि कभी भी मार देते हैं
गम ये है कि वो मार के मरने नहीं देते

कुछ दोस्त अपने स्वार्थ में इतने हुए अंधे
दुश्मन जो आये सुलह को करने नहीं देते

देते हैं वे आशीष कि फूलो फलो तुम खूब
पर एक फूल को भी वो  खिलने नहीं देते

दुश्मनों से दोस्ती का वक़्त आ गया
 दोस्त ही अब दोस्त को बढ़ने नहीं देते

ज्यादा भी नहीं ठीक 'पवन' दोस्ती में प्यार
लग जाए अगर आग तो बुझने नहीं देते

  
पवन तिवारी

सम्पर्क – 7718080978


ईमेल- poetpawan50@gmail.com

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