शनिवार, 26 अगस्त 2017

गद्य था मैं तुम मिली तो पद्य आया

























दुःख था इतना मृत्यु के मंजर दिखे
तुमको सोंचा जीने के फिर घर दिखे
जब उदासी घेर लेती है मुझे
मुझे बुलाते तब तुम्हारे कर दिखे

प्यार की बातें कभी जब होती हैं
तब तुम्हारी यादें दिल में होती हैं
जब कभी थोड़ा हताश हो जाता हूँ
तुम्हें करके याद फिर ताज़ा हो जाता हूँ

गद्य था मैं तुम मिली तो पद्य आया
साथ जो तुम चल पड़ी तो गीत गाया
तुमने जो अंकन किया तो रोम पुलकित हो गये
प्रणय का संगीत सुनकर,अधर फिर से गुनगुनाया

तुम जो आ जाती हो तो फिर क्या कहूँ
दीप भी बुझता नहीं,मेरी भला मैं क्या कहूँ
मैं क्या सोऊँ,नीद भी सोती नहीं
रात भी तुमको निहारे,सोये ना मैं क्या कहूँ

जिन्दगी से हारने के जब मुझे लक्षण दिखे
जीतने के आख़िरी तब शस्त्र केवल तुम दिखे
तुम जो आये साथ मेरे हृदय पुष्पित हो गया
सारे लक्षण जिन्दगी से जीतने के तब दिखे

पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978


    

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