मंगलवार, 27 जून 2017

ये बारिश तन गीला कर दे


























ये बारिश तन गीला कर दे
ये बारिश मन गीला कर दे
जम के बरस रही है बारिश
जैसे रग - रग गीला कर दे

सब कुछ गीला – गीला कर दे
आसमान को नीला कर दे
दादुर भी अब सरगम गायें
सब कुछ शीतलतम कर दे

गर्मी को झट विदा ये कर दे
मौसम मस्त सुहाना कर दे
मीठी नींद है आने लागे
चारो तरफ हरियाली कर दे

सब कुछ धुला – धुला सा कर दे
तरु,पल्लव,पथ स्वच्छ ये कर दे
धूल – धूसरित चर - अचर को
ये बारिश सब चकमक कर दे

अटकी आशा पूरी कर दे
कितने दुखों को दूर ये कर दे
खग ,किसान और जीव-जन्तु सब
सबके जीवन सुखमय कर दे

गन्दगी को स्वच्छ ये कर दे
प्रदूषणों से मुक्त ये कर दे
उड़ते जहरीले धुओं को
ये बारिश औकात में कर दे

ये बारिश तो मंगल कर दे
जंगल में भी मंगल कर दे
पतित पावनी प्रकृति ये बारिश
सब कुछ पावन-पावन कर दे


पवन तिवारी

सम्पर्क – 7718080978


poetpawan50@gmail.com

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