शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

प्यार किये हैं कहते हैं तो मान भी लेते हैं























पर्वत की चोटी पे फतह इतनी भी आसान नहीं
फतह तो ठीक सलामत  आना  इतना भी आसान नहीं

वो  चाहें और हो जाए  वो कोई भगवान नहीं
इंसा भगवन हो जाए ,इतना भी आसान नहीं

हार-जीत तो बाद की बात है असली बात मुकाबले की
लडूं  और मैं हार भी जाऊं इतना भी  आसान नहीं

डींग हाँकना और खूब बढ़ –चढ़ करके  बातें करना
वक्त पड़े पे बात निभाना इतना भी आसान नहीं

बाप चाहते हैं बनना पर मुझे पता है कौन हैं वो
वो कहें और छोड़ दें हम इतना भी आसान नहीं

 प्यार किये हैं कहते हैं तो मान भी लेते हैं
निभा  भी लेंगे ये भी मानूं इतना भी आसान नहीं

आधी रात जवानी की संग मेरे गुजारी है तुमनें
फुर्कत में यूं उम्र कटेगी इतना भी आसान नहीं


सम्पर्क -7718080978


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें