यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी
चवन्नी का मेला: कश्मीर और उसके जख्म: कश्मीर का प्राचीन विस्तृत लिखित इतिहास मिलता है कल्हण द्वारा 12वीं शताब्दी ई. में लिखी गई ‘’राजतरंगिणी’’ में । तब तक यहां पूर्ण हिन्दू ...
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