रविवार, 7 दिसंबर 2025

आज कल ऐसा हाल होता है



आज कल ऐसा हाल होता है

दिल अकेले में हो तो रोता है

यूँ तो महफ़िल में हँसता गाता है

दूसरों के भी गम को ढोता है.

 

आज कल ऐसा हाल होता है

रात जगता है दिन में सोता है

साथी बढ़ते ही जा रहे दिन दिन

और ए ज़िन्दगी को खोता है.

 

आज कल ऐसा हाल होता है

रात भर जग के सपने बोता है

एक ही बात कहता रहता है

आदमी है कि रट्टू तोता है

 

पवन तिवारी

०६/१२/२०२५  

 

 

 

 

 


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