सोमवार, 9 दिसंबर 2024

पाहुन आओ अवध पुरी मम ग्राम में


पाहुन आओ अवध पुरी मम ग्राम में

राम विराजें सीता संग जिस धाम में

त्रिविध ताप को हरने वाले

सब  गुण हैं जिस नाम में

पाहुन आओ अवध पुरी मम ग्राम में

 

जहाँ  कभी न  युद्ध हुआ है

मन सरयू सा  शुद्ध हुआ है

जहाँ  लोग   मर्यादित  होते

जग  बसता  जिस  राम में

पाहुन आओ अवध पुरी मम ग्राम में

 

बजरंगी  जिस  गढ़ी  बसे हैं

मंदिर – मंदिर  राम  रचे  हैं

जिस नगरी के सुर गुण गायें

मंत्र   उठें   हर   याम  में

पाहुन आओ अवध पुरी मम ग्राम में

 

जन जन का मन हरस रहा है

प्रेम  अवध  में  बरस रहा है

कुछ दिन  तो  आनंद उठाओ

हमरे   राम   के   धाम  में

पाहुन आओ अवध पुरी मम ग्राम में

 

पवन तिवारी

०९/१२/२०२४

   

 


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