रविवार, 3 दिसंबर 2023

सुबह – सुबह में दौड़ लगाओ



सुबह – सुबह में दौड़ लगाओ

सूरज  वाली  धूप भी खाओ

हँसी ख़ुशी  से  पढ़ने जाओ

मन कह दे तो गीत भी गाओ

 

गणित लगाओ पढ़ो कहानी

नल से पीओ छक के पानी

कविता भी पढ़ते रहना तुम

कविता की  प्रेमी  है नानी

 

मात - पिता को आदर देना

नानी से  तुम  शिक्षा लेना

भइया दीदी के संग मिलकर

बचपन की नइया को खेना

 

पवन तिवारी

०३/१२/२०२३      

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