बुधवार, 31 मई 2023

मिलना-बिछड़ना


 

कई बार लोग अकस्मात,

अकारण मिलते हैं!

और फिर मिलते हैं,

और मिलते ही रहते हैं |

और फिर...

एक दिन पता चलता है कि वे

जीने का कारण बन गये हैं !

और वो एक दिन...

जब फिर से बिछड़ने का होता है |

 

पवन तिवारी

२१/०५/२०२३

 

 

 

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