बुधवार, 19 अक्तूबर 2022

जो सफल चाहने वाले उसके बहुत



जो सफल  चाहने वाले उसके बहुत

पर सफलता के होते भी दुश्मन बहुत

कुछ सफल लोगों के हिय से पूछो जरा

त्रास छल के भी किस्से मिलेंगे बहुत

 

दास तुलसी की जीवन कहानी पढ़ो

या निराला की जलती जवानी पढ़ो

ये अमर लोग जीवन में मरते रहे

या कि पद्मावती झाँसी रानी पढ़ो

 

यूँ तो दृष्टांत की कुछ कमी है नहीं

ज़िन्दगी कैसी  हो पर थमी है नहीं

बोस,आज़ाद,बिस्मिल,भगत  याद हैं

उनकी आँखों में आयी नमी है नहीं

 

हँसते - हँसते यहाँ मरने वाले रहे

देश की आन को काला पानी सहे

कितने कोड़े पड़े ज़ुल्म कितने हुए

पर न रोये न दुखड़ा किसी से कहे

 

हो सफलता किसी की भी जैसी भी हो

अपनी हो राष्ट्र की या कि कैसी भी हो

उसमें अपनों से ज्यादा हों दुश्मन भी खुश

कुछ सफलता तो जीवन में ऐसी भी हो

 

पवन तिवारी

०८/०९/२०२२  

 

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