मंगलवार, 7 जून 2022

तेरा हिय ही

तेरा हिय ही मेरा  आवास रहा

तू  सदा  मेरे  लिए  ख़ास  रहा

नयन पे एक छवि का कब्जा है

मेरे सपनों  में  तेरा वास  रहा

 

ये बदन  चाहे  जितना दूर रहे

मन तेरे दिल के आसपास रहा

तेरी पलकों का मैं सितारा रहूँ

हर घड़ी बस यही प्रयास रहा

 

तू मिले तुझसे प्यार है कह दूँ

सामने आयी तो ये काश रहा

जब भी कहने को हौंसला बाँधा

  गया कोई और त्रास रहा

 

इस तरह उम्र बीतती ही रही

यूँ मेरे प्रेम को वनवास रहा

तुझको अवकाश कभी था ही नहीं

कितनी ही बार तेरे पास रहा

 

पवन तिवारी

०५/०८/२०२१   

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