बुधवार, 1 जून 2022

सर घूम रहा है

सर घूम रहा है  दिल  झूम  रहा है

तुम्हरे मिलने से  दिन  घूम रहा है

 

दिल गाने लगा है सर खाने लगा है

पास तुम्हारे हरदम अब जाने लगा है

 

कुछ पाने  लगा   है मुस्काने लगा है

सपनों में रह  रह  घबराने  लगा है

 

उससे   कहना  है  उसमें  रहना  है

समझोगी  बातें  मुश्किल  सहना है

 

पवन तिवारी  

२४/०७/२०२१

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