रविवार, 13 फ़रवरी 2022

गाता हुआ मस्ती में

गाता हुआ  मस्ती  में  एक राहगीर है

ज़रा ध्यान से देखो वो देसी फकीर है

 

जो माँ-बहन का सामने सहता रहा अपमान

कैसे कहूँ कि उसका भी ज़िंदा ज़मीर है

 

पैसे के लिए कर लिया  सौदा  जमीर का

और आप कह रहे कि उसने मारा तीर है

 

सब कुछ तुम्हारे पास है पर खा नहीं सकते

इससे भी बढ़ कर ज़िन्दगी कोई पीर है

 

माना कि वो गरीब है धन के हिसाब से

खुशियों के मामले में वो बेहद अमीर है

 

पवन तिवारी

०७/०१/२०२१

 


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