नदी का मान तुम्हें
रखना तो
नदी के जल नदी  को भर दो 
इज्जतें  लेता देता  पानी जो 
पानी  को पानी पानी  कर दो
प्रतिभा से  सींचो  जीवन
को 
आभा से  तुम पुष्प खिलाओ
यश का महल भव्य होगा
बस 
विश्वासों  से  
नीव   बताओ
लक्ष्य  बड़ा  संघर्ष  करोगे 
होगी  प्रशंसा  होगी  निंदा 
हँसना  रोना  बुरा
 नहीं है 
करेगा वो  जो  होगा
 ज़िंदा
जितनी  लम्बी 
दूरी   होगी
उतनी  बढ़ा 
के   दर  होंगे
मृत्यु से ना  भयभीत हुए जो
ऊँचे   उनके   हाँ, 
सर  होंगे
पवन तिवारी 
संवाद – ७७१८०८०९७८ 
22/08/2020
 
  
 
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