गुरुवार, 5 अगस्त 2021

नदी का मान

नदी का मान तुम्हें रखना तो

नदी के जल नदी  को भर दो

इज्जतें  लेता देता  पानी जो

पानी  को पानी पानी  कर दो

 

प्रतिभा से  सींचो  जीवन को

आभा से  तुम पुष्प खिलाओ

यश का महल भव्य होगा बस

विश्वासों  से   नीव   बताओ

 

लक्ष्य  बड़ा  संघर्ष  करोगे

होगी  प्रशंसा  होगी  निंदा

हँसना  रोना  बुरा  नहीं है

करेगा वो  जो  होगा  ज़िंदा

 

जितनी  लम्बी  दूरी   होगी

उतनी  बढ़ा  के   दर  होंगे

मृत्यु से ना  भयभीत हुए जो

ऊँचे   उनके   हाँ,  सर  होंगे

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

22/08/2020

 

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें