गुरुवार, 29 जुलाई 2021

जिंदगी में कभी कुछ भी हो सकता है

जिंदगी में कभी कुछ भी हो सकता है 
 कोई हँसता अकस्मात रो सकता है 
 लोग बाहर की दुनिया में खोते बहुत 
 कोई अन्दर की दुनिया में खो सकता है 

 यूँ अचानक बहुत कुछ बदल जाता है 
 अपने उर से खिलौना निकल जाता है 
 दिल परेशान होकर सिसकता भी है
 जिस पर विश्वास हो वो ही छल जाता है 

 हर परिस्थिति में जीवन को स्वीकार लो 
 हार के, हार को, हँस के स्वीकार लो 
तब कहीं जिंदगी तुमको अपनाएगी 
त्रास या हर्ष हो सहज स्वीकार लो 

 ऐसे में लुट के भी तुम निखर जाओगे 
 शून्य में तारों जैसा बिखर जाओगे 
जग तुम्हें गायेगा तुमको पूजेगा भी
 छलियों के दिल में भी तुम उतर जाओगे 


 पवन तिवारी 

संवाद – ७७१८०८०९७८ 

 १६/०८/२०२०

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